प्रगतिशील देशों में।
सिन्द्रेल्ला या सायेब्रेल्ल - सिन्द्रेल्ला बैठ कर अपने राजकुमार का इंतज़ार करती है जबकि सायेब्रेल्ल खुद अपनी ज़िंदगी बनाती है। इस सम्मेलन में शायद ही कोई सिन्द्रेल्ला मिलेगी। लेकिन सवाल यह है कि क्या हम अपनी कम भाग्यशाली बहनों के लिए कुछ कर सकते हैं? क्या हम विज्ञानं और तकनीक की मदद से उनके हाथ में शक्ति दे सकते हैं। भारत और दुसरे देशों में सायबर कैफे जैसे सामाजिक केन्द्र हैं जहाँ पर महिलाएँ इस प्रगति का फायदा उठा सकती हैं। चिकित्सा एक ऐसा छेत्र है जिसमें इंटरनेट जैसी तकनीक का इस्तेमाल करके शहरों के बडे हस्पतालों के विशेषज्ञों को गावों के छोटे छोटे हस्पतालों से जोड़ने कि कोशिश जारी है। सिधू ने यह सवाल उठाया कि क्यों भारत में इतने सारे छोटे छोटे प्रोजेक्ट हैं, लेकिन उनमे से कोई भी सफलता के साथ बडे स्तर पर लागू नहीं किया गया है। इस पैनल में सिस्को, इंटेल जैसी कंपनियों ने अपने प्रोजेक्ट के बारे में बताया।
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